*सत्यनाम सत्यनाम*
*सत्यनाम बोल*
*जय करुणामय सत्यनाम बोल।।*
★गर्भवास में भक्ति कबूले
बाहर आकर उनको भूले
पूरा करो तुम अपना कौल…
★मानुष तन को पाकर प्यारे
सोते हो क्यो पाँव पसारे
ज्ञानहीन नर आँखे खोल,…
★लोभ घमंड सबहि बिसरायो
विषयों से तुम चित्त हटाओ
सत्य वचन तुम हरदम बोल …
★घट घट में वह रमै निरन्तर
तुम मत जानो उनको अंतर
सत्य तराजू लेकर तोल…
★सत्यलोक की ऐसी बाता
कोटि शशि इक रोम लजाता
जहां पर हंसा करत किलोल…
★सुधा रूप यह वचन हमारा
सेवक संतो करो बिचारा
पुरुषनाम है अमी अमोल …
सत्यनाम सत्यनाम…$$
सकल संत को–
साहेब बन्दगी 


((मुकुन्द सोनवानी))