जन्म से लेकर मरत तक घुस देवत म जिन्दगी पहा जाथेJuly 1, 2022आलेख, कहानी, छत्तीसगढ़ विशेष, छत्तीसगढ़ी कहानी, छत्तीसगढ़ी लेख, लेख, विचारNo Commentsहमर देश ह अंग्रेज मन के 200 साल तक गुलाम रहिस हावय, लेकिन ओ समय म नियम कानून कायदा डर भैय रिती रिवाज तको हर अति रहिस हावय। कोनो कुछु…Read More
छत्तीसगढ़ी कहानी – कुंदरा March 15, 2022कहानी, छत्तीसगढ़ी कहानी, छत्तीसगढ़ी लेख, हमर संस्कृतिNo Commentsपांच हाथ के लुगरा , चिरहा अऊ मइलाहा जतका छेदा हावय तौन ला पहेनइयां हा नइ जाने फेर मनचलहा मरदजात मन जान डारे हावय । उँही ला माड़ी के उप्पर…Read More
कहिनी- सुखियाFebruary 7, 2022छत्तीसगढ़ी कहानी, साहित्यिकी, हमर संस्कृतिNo Commentsरोजगार गारंटी के चार गोदी खने के बाद अपन खेत के चार डंगनी खंती खन के भरे मंझनिया जरत-भुंजावत सुखिया बाई ह जब अपन घर पहुंचिस,तव अभी तलक ओकर नवा…Read More
छत्तीसगढ़ी कहानी – दु रुपियाJanuary 17, 2022छत्तीसगढ़ी कहानी, छत्तीसगढ़ी लेखNo Commentsबस ठेसन के ठेला मा पेपर पढ़त- पढ़त असकट लाग गे आज । कोनो ढंग के एको खबर नइ हावय । मरनी- हरनी के खबर ले शुरू होथे अऊ उही…Read More
नान्हे कहिनी – जाड़January 16, 2021छत्तीसगढ़ी कहानीNo Commentsआँसो जाड़ अबड़ दवें लगिस।जाड़ के मारे हाथ-पाँव किन-किनाय,पानी करा कस चट ले जनाय ,दिन भर सुर्रा चलय त जुड़ के मारे नाक ह सुरुक -सुरुक बोहाय।सँझा- बिहनिया सब ल…Read More
ग्रामीण परिवेश के अंतर्गत एक निश्छल औरत , सरल-सहज व्यक्ति एवं एक सच्चा मित्र के मानवीय व्यक्तित्व को उजागर करती छत्तीसगढ़ी कहानीJuly 26, 2020छत्तीसगढ़ी कहानी1 Commentनवा बिहान ” का करत हस भवजी…? ” हूँद करावत रोहित ह पदुम घर निंगीस । वो जानत-राहय की पदुम अभी घर मं नइ कहिके । वोत्काच्जान वोला…Read More
एक नारी के ही द्वारा नारी का शोषण को अभिव्यक्त करती ग्रामीण परिवेश की एक छोटी सी छत्तीसगढ़ी कहानीJuly 16, 2020छत्तीसगढ़ी कहानीNo Commentsनानकिन किस्सा : // बेलनारोटी // …Read More
ग्राम्य लोकजीवन के अंतर्गत एक नारी-व्यथा को चित्रित करती छत्तीसगढ़ी कहानीJuly 14, 2020छत्तीसगढ़ी कहानी1 Commentकहानी : // असाढ़ के एक दिन // …Read More