ऐ जिनगी के
कहां ले आना अउ कहां ले जाना हे
ऐ जिनगी के भइया इहां न कोनो ठिकाना हे
मन ल हम सबला रमाना हे
कहां ले आना अउ कहां ले जाना हे
ऐ जिनगी के भइया अब न कोनो ठिकाना हे
राम भर के नाव ह जिनगी म हावय सार
इही में ही मन ल हम सबला रमाना हे
दया मया के लमावत डोरी हो...हो...हो....
कब कहां टूट जाना हे...
धन दौलत ले भरे तिजोरी
देख वोला ललचाना हे
येकर मरम म फंसे जमाना
अपन संग सबे ल भरमाना हे
सूते म देखत सुघ्घर सपना
पल म चूर चूर हो जाना हे
मीठ मीठ बोली ले भर लेन झोली
इही ल ही सबों म बंटाना हे
कहां ले आना अउ कहाँ ले जाना हे
भज ले राम के नाव संगी
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