कोरोना पुराण
हाय रे कोरोना तूने ये क्या कर डाला,
लाॅकडाऊन के चक्कर मे शराब प्रेमियों को किस कदर रूला डाला ।
अब तू ही देख ले दम तुझमे है या शराब मे,
रौंद रहे हैं सारे नियमो को तू खुद ही देख ले ऑख से ।
सामाजिक दूरी बनाना तो दूर मजबूरी बताते हैं,
जिंदगी जीने के लिये शराब जरूरी बताते ।
सरकार बढा ले दारू के दाम चाहे जितना,
रकम पूरी की पूरी पटाते है ।
पूछने पर जनाब ए ऑलम यह बताते हैं,
हुजूर - हम भी फंसे हुए लोगो की मदद करना चाहते हैं ।
बस यही कारण है कि हम भी M.R.P.से थोड़ा ज्यादा पटाते है ।।
एकता का पाठ पढ़ाते पढ़ाते बूढ़ी हो गई पाठशाला-
पर एकता कहीं नजर नहीं आई ,
एकता का उदाहरण यदि देखना हो तो,
ठीक 8 बजे तक मधुशाला पहुंचो भाई ।
वहां आपको सभी दिखें गे,
हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई ।।
मुंह पर मास्क नही शराब जरूरी है,
अरे देखो इन नादानो को शराब इनकी कैसी मजबूरी है ।
और दाम चुकाते है इतना ,
जो इनकी दो दिन की मजदूरी है ।
अरे नादानो अब तो जागो ,
अब तो खोलो ऑंखें ।
खाओ कसम मिलजुल कर हम,
कोरोना को रहेंगे भगाके ।
शासन के नियमो का पालन करेगें,
कोरोना सैनिकों का सम्मान करेगें ।
मुह पर मास्क लगायेंगे ,
समाजिक दूरी बनायेंगें ।
बार-बार हाथ धुलायेंगें,
स्वछता को अपनायेंगें ,
घर पर समय बिताएंगे,
हम कुछ नया करके दिखायेंगे ।
मोदी जी की बानी ,
ये गौतम भी कहेगा,
जान भी रहेगी,
और जहान भी रहेगा ।
तभी तो मेरा देश महान रहेगा
विनोद गौतम
लोक कलाकार/ रंगकर्मी
बजरंग पुर नवागांव, राजनांदगाँव
( छत्तीसगढ़ )
mo no.6266279214
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