सजना मोर जइसे पवन चले,
हितवा मोर जइसे नदिया बहे,
तइसे तोर मोर संग,
रंगे मया के रंग,
चलही, दुनिया चले न चले।
बादर के संग संग चमके बिजुरिया,
संग संग खेले जइसे संगी जहुरिया,
हो जइसे दिया संग बाती चले।
डारा के संग संग झुमरे रे पाना,
फूल के संग जइसे भंवरा दीवाना,
हो जइसे सुर संग ताल मिले।
सजना मोर.........
दुष्यंत हरमुख
रंगझरोखा
लोक सांस्कृतिक मंच
संचालक/निर्देशक
गीतकार/संगीतकार
बांसुरीवादक
बांसुरीवादक
9424114094
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