तीजा - पोरा
नई आवँव बेटी एसो लिहे बर तीजा पोरा ..
कोरोना के आतंक छाय हे ,
बइरी ह मुहू लमाय हे ।
मोटर गाड़ी बंद खड़े हे ,
गाँव - गाँव हाँका परे हे ।
तोला देखे बर आँखी तरस गे ,
मुहटा म खड़े हे पहरा ।
नई आवँव बेटी एसो ,
लिहे बर तीजा पोरा ।
झन लानहु बेटी बहिनी ल ,
काहत हे गाँव के सियान।
बोहाये बेटी आँसू के धारा ,
मत दुहु ग भईया ध्यान ।।
झन करबे नोनी तै ह ,
ददा के अगोरा ।
नई आवँव बेटी एसो ,
लिहे बर तीजा पोरा ।
मोर अंतस ह अउंटत हावय ,
मोर डेहरी सुन्ना परगे ।
बेटी , बहिनी के खुशी म ,
कोरोना के आँखी गढ़गे ।
संग - सँगवारी दुरिहा होगे ,
दूरिहागे दाई के कोरा ।
नई आवँव बेटी एसो ,
लिहे बर तीजा पोरा ।
एसो के तीजा पोरा ल ,
ससुरार म मनाहु ।
झन करबे बेटी सुरता ,
दिन म लिहे बर आहूं।।
कोरोना बइरी रद्दा ठाढ़े ,
झन करबे तै जोरा।
नई आवँव बेटी एसो ,
लिहे बर तीजा पोरा ।
पुष्पा ग़जपाल "पीहू"
श्री राम कालोनी महासमुंद (छ. ग.)
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